रायपुर : छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संकेत दिया है कि नए साल से पहले मंत्रिमंड...
रायपुर: छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संकेत दिया है कि नए साल से पहले मंत्रिमंडल विस्तार संभव है। वर्तमान में मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्रियों की टीम है, जबकि परंपरा के अनुसार 13 मंत्री बनाए जाते रहे हैं। इस बार हरियाणा के मॉडल को आधार बनाते हुए 14 मंत्रियों की गुंजाइश पर भी विचार किया जा रहा है।
हरियाणा मॉडल से प्रेरणा:
हरियाणा और छत्तीसगढ़, दोनों राज्यों की विधानसभा में 90 सीटें हैं। हाल ही में हरियाणा में 14 मंत्रियों की नियुक्ति के बाद छत्तीसगढ़ में भी इसी तर्ज पर चर्चा तेज हो गई है। रायपुर लौटने पर स्वामी विवेकानंद विमानतल पर मुख्यमंत्री साय ने कहा, "सब कुछ होगा, इंतजार करिए।"
दिल्ली में हुई अहम बैठक:
मंगलवार को नई दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक हुई, जिसमें संगठन चुनाव के साथ-साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की गई। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन और मुख्यमंत्री साय ने भाग लिया। सूत्रों के अनुसार, संभावित मंत्रियों के नामों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
इन नामों पर हो रही चर्चा:
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं के नाम पर विचार किया जा रहा है। संभावित नामों में शामिल हैं:
1. राजेश मूणत: रमन सरकार में महत्वपूर्ण विभाग संभाल चुके हैं।
2. अजय चंद्राकर: अपनी तेज-तर्रार छवि के लिए प्रसिद्ध।
3. गजेंद्र यादव: दुर्ग से विधायक और संघ से जुड़े।
4. सुनील सोनी: रायपुर दक्षिण से विधायक।
5. अमर अग्रवाल: बिलासपुर से विधायक और पूर्व मंत्री।
6. विक्रम उसेंडी: बस्तर क्षेत्र के वरिष्ठ नेता।
जल्द हो सकती है घोषणा:
मंत्रिमंडल विस्तार की आधिकारिक घोषणा 26 से 31 दिसंबर के बीच होने की संभावना है। पार्टी सूत्रों का मानना है कि इससे सरकार की कार्यक्षमता और राजनीतिक संतुलन को मजबूती मिलेगी।
राजनीतिक संतुलन का प्रयास:
मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से भाजपा राज्य में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन स्थापित करने की कोशिश करेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि किन नामों को मुख्यमंत्री साय अपनी टीम में जगह देते हैं।प्रदेश की जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें अब मुख्यमंत्री के अगले कदम पर टिकी हैं।
कोई टिप्पणी नहीं