रायपुर।छत्तीसगढ़ रेडी दू ईट फूड निर्माणकर्ता महिला संघ के बैनर तले महिला स्व सहायता समूहों से रेडी टू ईट का कार्य दृूसरे विभाग को देने के ...
रायपुर।छत्तीसगढ़ रेडी दू ईट फूड निर्माणकर्ता महिला संघ के बैनर तले महिला स्व सहायता समूहों से रेडी टू ईट का कार्य दृूसरे विभाग को देने के विरोध में रायपुर के बूढ़ापारा स्थित धरना स्थल पर धरना प्रदर्शन दिया गया।
छत्तीसगढ़ रेडी टू ईट फ़ूड निर्माणकर्ता महिला संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी यादव ने बताया कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य की महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्ष 2009 से रेडी टू ईट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसे आज स्व सहायता समूह से बंद करके अन्य अन्य विभाग को निर्माण कार्य दिया जा रहा है। जिसका प्रदेश के संघ द्वारा घोर विरोध किया जा रहा है।
संघ की सहसचिव माधुरी साहू ने बताया कि प्रदेश भर में लगभग 20 हजार स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा रेडी टू ईट का निर्माण किया जा रहा था जिनके 80 हजार से भी ज्यादा सदस्यों की रोजी रोटी पर संकट का संकट आ गया है। उन्होंने कहा कि संघ ने आज मुख्यमंत्री के नाम रायपुर एडीएम को ज्ञापन सौंपा है और अगर संघ की मांगें पूरी नहीं कि गयी तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ रेडी टू ईट फ़ूड निर्माणकर्ता महिला संघ ने निम्न मांगों को लेकर आज धरना दिया गया।
संघ को जानकारी प्राप्त हुआ है कि अब इन कार्यों को छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कुषि विकास निगम द्वारा स्थापित इकाईयों के माध्यम को दिये जाने का विरोध करता है।
कोरोनाकाल में भी हमारे महिला स्व सहायता समुहों द्वारा इतना भयावाह स्तिथि में भी रेडी टू ईट का निर्माण कर वितरण किया गया। अगर यह कार्य दसरे ईकाईयों द्वारा किया जायेगा तो पूरे
छत्तीसगढ़ राज्य के रेडी दू ईट से जुड़ी महिलायें बेरोजगार हो जायेगें और उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जायेगी ।
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा महिलाओं के सम्मान में एवं उनके उत्थान के लिए यह निर्णय लिया गया कि उक्त कार्य में महिला स्व सहायता समूह की भागीदारी हो ताकि महिलाओं का जीवन स्तर सुखद हो हमें पूर्ण विश्वास है कि कांग्रेंस सरकार और अधिक महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए संवेदनशील है।
जैसा कि कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा राष्ट्रीय महासचिव कांग्रेस पार्टी का समय-समय पर यह बयान आता रहता है कि महिलाओं की भागीदारी एवं उत्थान के लिए यह छत्तीसगढ़ महिला स्व सहायता समूह आग्रह करती है कि महिलाओं की आर्थिक सम्मान को ध्यान में रखते हुए यदि कोई निर्णय समूह के खिलाफ लिया गया है तो उसे आवश्यक रूप से वापस लेंगें।
यह निर्णय जो लिया गया है जो वह स्व सहायता समूहों के लिए बहुत ही बड़ा आघात है। संघ की मांग है कि सरकार को महिला स्व सहायता समूहो के रेडी टू ईट का कार्य दूसरे को न देकर हमारे द्वारा ही संचालित करवाने हेतु निर्देश देना चाहिए।
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