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छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन

  रायपुर।  केन्द्र सरकार द्वारा आंगनबाडी कार्यकर्ता को 4500 रूपए और सहायिका को 2250 रूपये मानदेय प्रदान किया जा रहा है, और वही राज्य सरकार क...

 


रायपुर।  केन्द्र सरकार द्वारा आंगनबाडी कार्यकर्ता को 4500 रूपए और सहायिका को 2250 रूपये मानदेय प्रदान किया जा रहा है, और वही राज्य सरकार के द्वारा 2000 रूपये कार्यकर्ता और 1000 रूपये सहायिकाओं को दिया जा रहा है। इस तरह से केन्द्र और राज्य को मिलाकर 6500 रू.कार्यकर्ता को और 3250 रू. सहायिकाओं को मानदेय मिल रहा है जबकि मध्यप्रदेश और अन्य कई राज्यों में 10000 रू या इससे अधिक मानदेय है।

इसी तरह कार्यकर्ता सहायिकाओ को 62 वर्ष की उम्र पूरा होने

पर शासकीय कर्मचारियों की तरह सेवानिवृत्त किया जा रहा है, लेकिन

शासकीय कर्मचारियों की तरह कोई सुविधा उपलब्ध नही है, बुढापे के शेष

जीवन यापन के लिए सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन का लाभ भी प्राप्त नही हो रहा है।

यहां यह भी उल्लेख करना आवश्यक होगा कि कलेक्टर दर में कार्यरत एक मजदूर का भी प्रति वर्ष प्रोत्साहन स्वरूप कुछ ना कुछ राशि प्रतिवर्ष बढ़ाया जाता है, लेकिन आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिकाओं के लिए यह भी प्रावधान दोनो सरकारों के पास नही।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपने चुनावी जन घोषणा पत्र में आंगनबाडी कार्यकर्ता को नर्सरी शिक्षक के रूप में उन्नयन किये जाने और कलेक्टर दर पर वेतन स्वीकृत किये जाने का उल्लेख किया गया है लेकिन ढाई वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी वादा पूरा नही किया जाना अत्यंत दुखद बात है।

छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रांताध्यक्ष सरिता पाठक ने बताया कि अभी हाल में केन्द्र सरकार द्वारा मोबाईल के माध्यम से "पोषण ट्रेकर एप'" का डाउनलोड करना इससे जानकारी भेजना तथा जानकारी नही भेजने पर मानदेय काटने का निर्देश दिया गया है, इसी तरह मतदाता सूची का पुनिरीक्षण, केन्द्र खोलने और बंद करने के साथ ही साथ अन्य कई विभागीय गतिविधियों को मोबाईल से जानकारी भेजने हेतु समय- समय पर निर्देश दिया जा रहा है, जो कि पूर्ण अव्यवहारिक है क्योंकि आंगनबाडी कार्यकर्ता अल्प मानसेवी है ग्रामीण अंचलों में कम पढ़ी लिखी है, विभाग द्वारा न तो मोबाईल दिया गया है और ना ही नेट चार्ज ऐसी स्थिति में मोबाईल पर कार्य करने का दबाव बनाना न्यायसंगत नही है।

उक्त विषयों के साथ ही साथ इस पत्र के साथ संलग्न अन्य 8 सुत्रीय मांगो की प्रति केन्द्र और छत्तीसगढ सरकार की ओर संघ द्वारा ध्यानाकर्षण करते हुए दिनांक 22 / 09/ 2021, दिनांक 26 /09/ 2021, दिनांक परियोजना, जिला स्तर में ध्यानाकर्षण, धरना प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन और दिनांक 23/10/ 2021, दिनांक 01/11/2021 को जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है, लेकिन ना तो इस संबंध में संघ प्रतिनिधियों से चर्चा हुई है और ना ही कोई सार्थक पहल किया गया है।

इसलिए ध्यानाकर्षण के छठवे चरण के तहत प्रत्येक संभाग में संभाग स्तरीय धरना रैली का आयोजन कर शासन का ध्यानाकर्षण किया जा रहा है. जिसके तहत 13/11/ 2021 से  न्यायधानी बिलासपुर,रायगढ़,बिलासपुर,जांजगीर,चाम्पा,कोरबा,मुंगेली,गरियाबंद, महासमुंद, बलौदाबाजार जिले के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने वेतन और पेंशन दिलाने हेतु मांग पत्र दिलाने हेतु धरना देने के बाद आज 30/11/2021 को राजधानी रायपुर में धरना दिया गया। प्रांताध्यक्ष सरिता पाठक ने बताया कि अगर संघ की मांगे पूरी नहीं की तो 10 दिसंबर से 16 दिसंबर 2021 तक निश्चित कालीन प्रदेश भर में धरना दिया जाएगा।

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