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7 pm मित्र पार्कों की स्थापना के लिए जारी हुआ नोटिफिकेशन, टैक्सटाइल उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

  नई दिल्ली।  सरकार ने 4445 करोड़ रुपये की लागत से देश में सात पीएम मेगा एकीकृत टैक्सटाइल क्षेत्र एवं परिधान (पीएम मित्र) पार्क को स्थापति कर...

 


नई दिल्ली। सरकार ने 4445 करोड़ रुपये की लागत से देश में सात पीएम मेगा एकीकृत टैक्सटाइल क्षेत्र एवं परिधान (पीएम मित्र) पार्क को स्थापति करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। कपड़ा मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में की गई घोषणा और केंद्र सरकार द्वारा किए गए अनुमोदन के अनुसार सात पीएम मित्र पार्क की स्थापना के लिए 21 अक्टूबर, 2021 को अधिसूचना जारी की है। इस योजना का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और भारत को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने के द्दष्टिकोण को साकार करना है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 9 (लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, सतत औद्योगीकरण को बढ़ावा देना और नवाचार को प्रोत्साहन देना) को प्राप्त करने में भारत की मदद करने के लिए पीएम मित्र पार्क की परिकल्पना की गई है।

पीएम मित्र प्रधानमंत्री के ‘5एफ' विज़न से प्रेरित है। इस 5एफ फॉर्मूले में फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरन शामिल हैं। यह एकीकृत विज़न अर्थव्यवस्था में टैक्सटाइल क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। किसी भी अन्य प्रतिस्पर्धी देश में हमारे जैसा संपूर्ण टैक्सटाइल इकोसिस्टम मौजूद नहीं है। भारत इन पांच एफ में पूरी तरह मजबूत है। इस योजना का उद्देश्य टैक्सटाइल उद्योग की संपूर्ण मूल्य-श्रृंखला के लिए एकीकृत बड़े पैमाने पर आधुनिक औद्योगिक बुनियादी ढांचा सुविधा को विकसित करना है। यह लॉजिस्टिक लागत को कम करेगी और भारतीय टैक्सटाइल की प्रतिस्पर्धा में सुधार लाएगी।

यह योजना भारत में निवेश आकर्षित करने, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और स्वयं को वैश्विक टैक्सटाइल बाजार में मजबूती से स्थापित करने में मदद करेगी। इन पार्क को उन स्थलों पर स्थापित करने की परिकल्पना की गई है, जहां टैक्सटाइल उद्योग के फलने-फूलने के लिए अंतर्निहित ताकत मौजूद है और सफलता के लिए आवश्यक लिंकेज उपलब्ध हैं। सात पीएम मेगा एकीकृत टैक्सटाइल क्षेत्र एवं परिधान (पीएम मित्र) पार्क को विभिन्न इच्छुक राज्यों में स्थित ग्रीनफील्ड/ब्राउनफील्ड स्थलों पर स्थापित किया जाएगा। अन्य टैक्सटाइल संबंधी सुविधाओं और इकोसिस्टम के साथ 1,000 एकड़ से अधिक के संलग्न एवं भार-मुक्त भूमि पार्सल की उपलब्धता के साथ आए राज्य सरकारों के प्रस्तावों का स्वागत है।

ग्रीनफील्ड पीएम मित्र पार्क के लिए भारत सरकार विकास पूंजी सहायता परियोजना लागत की 30 प्रतिशत होगी, जिसकी अधिकतम सीमा 500 करोड़ रुपये होगी। ब्राउनफील्ड स्थलों के लिए मूल्यांकन के बाद विकास पूंजी सहायता शेष बकाया बुनियादी ढांचे की परियोजना लागत की 30 प्रतिशत होगी तथा अन्य सहायक सुविधाएं विकसित की जाएगी, जो 200 करोड़ रुपये की सीमा तक होगी। राज्य सरकार की सहायता में विश्व स्तरीय औद्योगिक संपदा के विकास के लिए 1,000 एकड़ भूमि का प्रावधान भी शामिल होगा। प्रत्येक पीएम मित्र पार्क में टैक्सटाइल विनिर्माण इकाइयों को जल्द स्थापित करने के लिए 300 करोड़ रुपये की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रोत्साहन सहायता (सीआईएस) भी प्रदान की जाएगी। ऐसी सहायता स्थापित किए जाने वाली नई परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है और जब तक उत्पादन बढ़ाने में सक्षम न हो और अपनी व्यवहार्यता स्थापित करने में समर्थ न हो, उसे सहायता की जरूरत होती है।

पीएम मित्र पार्क विशेष प्रयोजन वाहन द्वारा विकसित किया जाएगा, जिसका स्वामित्व राज्य सरकार और भारत सरकार के पास सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में होगा। मास्टर डेवलपर न केवल औद्योगिक पार्क का विकास करेगा बल्कि उसे रियायत अवधि के दौरान इसका रखरखाव भी करना होगा। इस मास्टर डेवलपर का चयन राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर किया जाएगा। राज्य सरकार के बहुमत स्वामित्व वाली एसपीवी विकसित औद्योगिक स्थलों से पट्टे के किराये का हिस्सा प्राप्त करने का हकदार होगा और वह पीएम मित्र पार्क का विस्तार करके, कौशल विकास पहल और कामगारों के लिए अन्य कल्याणकारी उपायों को उपलब्ध कराके क्षेत्र में टैक्सटाइल उद्योग का आगे विस्तार करने में इसका उपयोग करने में सक्षम होगा।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं के साथ उन योजनाओं के दिशा-निर्देशों के तहत पात्रता के अनुसार समावेश उपलब्ध है। इससे टैक्सटाइल उद्योग की प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी होगी और बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं को प्राप्त करने में मदद के साथ-साथ लाखों लोगों के लिए रोजगार के बड़े अवसरों का सृजन करने में भी मदद मिलेगी। बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का लाभ उठाते हुए, यह योजना भारतीय कंपनियों को वैश्विक चैंपियन के रूप में उभरने में भी सहायता प्रदान करेगी। योजना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं, जिसके बाद इच्छुक राज्य सरकारों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे।

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