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राजधानी तर-बतर,शहर के कई इलाकों में भरा पानी

  00 बिजली गुल,सड़क जाम,नालियों की गदंगी सड़क पर रायपुर। सितंबर के मध्य महीने की तारीख में इस कदर बारिश होगी अंदाजा नहीं था,दोपहर तक की स्थि...

 


00 बिजली गुल,सड़क जाम,नालियों की गदंगी सड़क पर

रायपुर। सितंबर के मध्य महीने की तारीख में इस कदर बारिश होगी अंदाजा नहीं था,दोपहर तक की स्थिति को देखकर लग भी नहीं रहा था कि इतना ज्यादा पानी गिर जायेगा कि पूरा शहर तर बतर हो जाायेगा। हालात ये थे कि  कई इलाकों में बारिश थमने के बाद लोग पानी निकालते नजर आए। ढलान वाले इलाकों में तो पानी घरों के भीतर तक भर गया था। वहीं कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही,नालियों की गंदगी सड़क पर बह रहे थे। बारिश रूकते ही राजधानी की सड़कों पर जाम लग गया। डेढ़ दो घंटे की बारिश ने हाल बेहाल कर दिया. रायपुर के अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी अच्छी बारिश होने की खबर है। लोगों ने राहत की सांस ली है,खेती किसानी वाले इलाकों में यह बारिश वरदान बनकर आया है। 

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, सितंबर के महीने में एक के बाद एक मानसूनी मौसमी तंत्र बनने से प्रदेश में अभी लगातार बारिश का दौर जारी रहने की पूरी संभावना बनी हुई है। सामान्यत:31 अगस्त से देश में दक्षिण-पूर्व मानसून की विदाई राजस्थान से शुरू होती है। इस वर्ष देश में अभी मानसून की विदाई शुरू नहीं हुई है। सितम्बर के महीने में लगातार मौसमी तंत्र बनने के कारण मानसून की विदाई राजस्थान से अभी संभव भी नहीं दिख रहा है। इसलिए इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ से मानसून की विदाई में देरी संभावित है। एचपी चंद्रा ने बताया, छत्तीसगढ़ में मानसून की बिदाई की कोई निश्चित तिथि नहीं है। सामान्य तौर पर 1 जून से 30 सितम्बर तक का मानसून सीजन माना जाता है। एक अक्टूबर से होने वाली वर्षा पोस्ट मानसून बरसात कही जाती है।अभी  एक दो और अच्छी बारिश हो जाती है तो सूखे से राहत मिल सकती है। जिसकी संभावना बनी हुई है।

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