छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव: बस्तर संवाद में संस्कृति और बदलाव पर मंथन, विधायक किरण देव ने कहा- अब बहेगी बदलाव की नई बयार जगदलपुर, 23 अगस्...
छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव: बस्तर संवाद में संस्कृति और बदलाव पर मंथन, विधायक किरण देव ने कहा- अब बहेगी बदलाव की नई बयार
जगदलपुर, 23 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित रजत महोत्सव के तहत शनिवार को लालबाग स्थित शौर्य भवन के सभागार में “बस्तर संवाद: इतिहास, संस्कृति और बदलाव” विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, महापौर श्री संजय पांडे, आईजी बस्तर श्री सुंदरराज पी, कलेक्टर श्री हरिस एस, सीईओ जिला पंचायत श्री प्रतीक जैन सहित अनेक जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद, साहित्यकार, कलाकार और पर्यटन से जुड़े विशिष्टजन मौजूद रहे। वक्ताओं ने बस्तर की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करने और बदलते परिदृश्य में विकास की नई दिशा तय करने पर बल दिया।
विधायक किरण देव: बस्तर में अब बदलाव की नई बयार
मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए विधायक श्री किरण देव ने कहा कि बीते 25 वर्षों में बस्तर ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में नक्सलवाद समूल खात्मे की ओर है और बस्तर अब शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना और शांति की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने बस्तर की अनूठी सांस्कृतिक विविधता का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां हर 20 किलोमीटर में परिधान और भाषा बदल जाती है। बस्तर की नैसर्गिक सुंदरता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यूनेस्को ने बस्तर के धुड़मारास गांव को विश्व के 20 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में शामिल किया है।
महापौर और आईजी बस्तर के विचार
महापौर श्री संजय पांडे ने बस्तर के पौराणिक इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि बस्तर का महत्व रामायण और महाभारत दोनों में मिलता है।
आईजी बस्तर श्री सुंदरराज पी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त रणनीति से नक्सलवाद अब अंतिम सांस ले रहा है और निकट भविष्य में इसका पूरी तरह खात्मा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ऑपरेशन, विकास, कनेक्टिविटी और सकारात्मक पहल की चार प्रमुख रणनीतियों पर काम कर रही है।
विशेषज्ञों का मत और युवाओं का योगदान
परिचर्चा में बस्तर विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक श्री अप्रतिम झा ने ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर जोर दिया। भरत गंगादित्य ने लोकगीतों, हितप्रिता ठाकुर ने हल्बी बोली और नीलूराम कोर्राम ने गोंडी बोली के महत्व पर प्रकाश डाला।
ब्लॉगर उपेन्द्र ठाकुर ने बस्तर की संस्कृति और पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार की जानकारी दी, जबकि स्थानीय फिल्मकार अविनाश प्रसाद ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में आए बदलावों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर गणमान्य नागरिक, अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।
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