बस्तर मेडिकल कॉलेज की स्वशासी समिति की बैठक: चिकित्सा सुविधाओं में सुधार की पहल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मरीजों को बेहतर चि...
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने करें पहल - कमिश्नर श्री डोमन सिंह
जगदलपुर, 09 जुलाई 2025: स्वर्गीय श्री बलीराम कश्यप स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय डिमरापाल में आज एक महत्वपूर्ण निर्णयात्मक बैठक आयोजित की गई। कमिश्नर एवं पदेन अध्यक्ष श्री डोमन सिंह की अध्यक्षता में हुई स्वशासी प्रबंधकारिणी समिति की इस बैठक में बस्तर अंचल की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु कई प्रभावशाली निर्णय लिए गए।
कमिश्नर श्री सिंह ने विशेष रूप से मरीजों को संवेदनशील और उन्नत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि बस्तर जैसे जनजातीय क्षेत्र की चिकित्सा आवश्यकताओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने बायो-मेडिकल वेस्ट के नियमानुसार निस्तारण और कचरा प्रबंधन हेतु नगर निगम की सहायता से प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से अग्नि शमन प्रणाली तथा कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान करने पर जोर दिया गया। 'किलकारी योजना' के अंतर्गत शीघ्र ही झूला घर प्रारंभ करने की तैयारी भी बैठक का हिस्सा रही। इसके साथ ही चिकित्सकों और कर्मचारियों के लिए शासकीय भूमि पर आवास निर्माण का कार्य शीघ्र प्रारंभ करने की बात कही गई।
स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में निर्णय:
- रेडियोलॉजी विभाग हेतु नई सोनोग्राफी मशीन की खरीदी।
- अस्थि रोग विभाग के लिए सी-वॉर्म मशीन।
- ब्लड बैंक के लिए वाहन की खरीदी हेतु शासन से अनुमोदन।
- नेत्र रोग विभाग में नवीन ऑपरेशन थिएटर विकसित करने की योजना।
- आपातकालीन चिकित्सालय में पार्किंग शेड निर्माण।
- तोकापाल छात्रावास में शौचालय मरम्मत।
इसके अतिरिक्त, मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की आय में वृद्धि हेतु पंजाब नेशनल बैंक और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से मिलने वाले किराए को नियमित भाड़ा नियंत्रण अधिकारी के माध्यम से निर्धारित किए जाने पर सहमति बनी।
बैठक में मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता एवं सदस्य सचिव डॉ. प्रदीप बेक, अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनुरूप साहू, नगर निगम आयुक्त श्री प्रवीण वर्मा, अपर कलेक्टर श्री सीपी बघेल सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक एवं समिति सदस्य उपस्थित थे।
स्वास्थ्य सेवा एक ऐसा क्षेत्र है जहां हर सुधार सीधे आमजन की जीवन गुणवत्ता को प्रभावित करता है। बस्तर जैसे अंचल में, जहां स्वास्थ्य सेवाएं लंबे समय तक उपेक्षित रही हैं, इस प्रकार की योजनाबद्ध बैठकों और निर्णयों से आशा की नई किरणें दिखाई देती हैं।
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