17 जून 2025 | शुभांशु झा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूरोप यात्रा के हिस्से के रूप में साइप्रस में उनकी ऐतिहासिक यात्रा ने एक नई कूटन...
17 जून 2025 | शुभांशु झा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूरोप यात्रा के हिस्से के रूप में साइप्रस में उनकी ऐतिहासिक यात्रा ने एक नई कूटनीतिक बहस छेड़ दी है। तुर्किये और पाकिस्तान जैसे देशों की बेचैनी इस यात्रा के पीछे छिपे भू-राजनीतिक संदेश की ओर इशारा करती है।
🗺️ साइप्रस: एक द्वीप, दो राष्ट्र, और कई समीकरण
साइप्रस, भूमध्य सागर का एक छोटा सा लेकिन सामरिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण द्वीप देश है। 1960 में स्वतंत्रता पाने के बाद यह देश ग्रीक और तुर्की मूल के लोगों के बीच बंट गया। 1974 में तुर्की द्वारा किए गए आक्रमण के बाद से यह देश उत्तर साइप्रस (तुर्की समर्थित) और दक्षिण साइप्रस (अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त) में बंटा हुआ है। भारत केवल अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्यता प्राप्त ग्रीक साइप्रस के साथ संबंध रखता है।
🇮🇳 भारत के लिए क्या है महत्व?
- साइप्रस यूरोप, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के संगम पर स्थित है।
- यह देश भारत के “Act West” नीति में एक अहम भूमिका निभा सकता है।
- भारत और साइप्रस के बीच रक्षा, निवेश और तकनीकी सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं प्रबल हैं।
🇹🇷 तुर्किये और 🇵🇰 पाकिस्तान क्यों हैं परेशान?
तुर्किये साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर कब्जे को लेकर संवेदनशील है, और किसी भी वैश्विक शक्ति का ग्रीक साइप्रस के साथ घनिष्ठ संबंध उसे चुभते हैं। भारत का यह दौरा तुर्की के लिए रणनीतिक संकेत हो सकता है, विशेषतः जब तुर्की पाकिस्तान का कट्टर समर्थक बनता जा रहा है।
पाकिस्तान, जो खुद तुर्की के साथ लगातार सैन्य और कूटनीतिक संबंध मजबूत कर रहा है, को यह स्पष्ट संदेश मिल सकता है कि भारत भी वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मज़बूत कर रहा है और क्षेत्रीय समीकरणों को पुनर्परिभाषित कर रहा है।
🕊️ क्या बदल रही है वैश्विक धुरी?
मोदी की यह यात्रा केवल राजनयिक औपचारिकता नहीं है। यह संकेत है कि भारत अब पश्चिमी एशिया और यूरोप के दरवाजे पर खड़ा होकर नई रणनीतिक दिशाएं तलाश रहा है। यह भी संभावना है कि भारत साइप्रस के माध्यम से यूरोपीय संघ के साथ भी संपर्क को और मजबूत करे।
"कूटनीति में कोई कदम यूं ही नहीं उठाया जाता, हर यात्रा, हर वक्तव्य, हर मुस्कान – एक संदेश होता है।"
📰 भरोसेमंद खबरें, विश्लेषण और ज़मीनी हकीकत — अब बस एक क्लिक दूर!
👉 हमारे WhatsApp चैनल से जुड़ें और ताज़ा अपडेट सबसे पहले पाएं:
कोई टिप्पणी नहीं