छत्तीसगढ़ की राजनीति में ‘परिवार’ ही सबसे बड़ी ताकत: कौन कितना सक्रिय, कौन अब भी प्रभावी: रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजनीति में जब भी प्रभाव और...
छत्तीसगढ़ की राजनीति में ‘परिवार’ ही सबसे बड़ी ताकत: कौन कितना सक्रिय, कौन अब भी प्रभावी:
रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजनीति में जब भी प्रभाव और पहचान की बात होती है, तो कुछ नाम और उनके परिवार स्वतः ही चर्चा में आ जाते हैं। ये सिर्फ नेता नहीं, बल्कि पूरे राजनीतिक खानदान हैं जिनकी कहानियां सत्ता के गलियारों से लेकर गांव की चौपाल तक फैली हुई हैं। वर्ल्ड फैमिली डे के अवसर पर आइए जानते हैं राज्य के बड़े राजनीतिक परिवारों की ताकत, प्रभाव और मौजूदा सक्रियता।
1. जोगी परिवार – जनाधार से जननेता तक
अजीत जोगी, छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और आईएएस से राजनेता बने एक करिश्माई व्यक्तित्व थे। उनके बेटे अमित जोगी, जोगी कांग्रेस के प्रमुख चेहरा रहे हैं। हालांकि राजनीतिक प्रभाव अब सीमित हुआ है, लेकिन जनता के बीच आज भी जोगी नाम एक मजबूत पहचान रखता है।
2. साहू परिवार – समाज और सत्ता दोनों में पकड़
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री चरणदास महंत, वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष हैं। उनका परिवार लंबे समय से राजनीति में सक्रिय है। बेटा भी युवराज की तरह राजनीति में प्रवेश कर चुका है, हालांकि अभी बड़ी भूमिका नहीं निभा रहा।
3. रामानुजगंज का सिंह परिवार – कद्दावर मंत्री का किला
टीएस सिंहदेव, कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक हैं। स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री रहे सिंहदेव न केवल शाही परिवार से आते हैं बल्कि उनकी सादगी और सेवा भाव उन्हें जनता के बीच खास बनाता है। राजनीति में सक्रियता अभी भी उच्चतम स्तर पर है।
4. रमन सिंह परिवार – भाजपा का सबसे बड़ा नाम
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, राज्य की भाजपा राजनीति का सबसे स्थायी और ताकतवर चेहरा रहे हैं। उनके बेटे अभिषेक सिंह भी सांसद रह चुके हैं। फिलहाल राजनीति में थोड़ा पीछे हैं लेकिन परिवार का राजनीतिक कद बरकरार है।
5. धरमलाल कौशिक – संगठन के साथ परिवार का विस्तार
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा नेता धरमलाल कौशिक का भी राजनीतिक परिवार धीरे-धीरे आकार ले रहा है। हालांकि यहां संगठनात्मक सक्रियता अधिक दिखती है।
6. बघेल परिवार – सत्ता का वर्तमान केंद्र
वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का परिवार छत्तीसगढ़ की वर्तमान राजनीति में सबसे प्रभावशाली है। उनके भाई और रिश्तेदारों की भी कुछ हद तक राजनीति में सक्रियता है, लेकिन बघेल स्वयं इस घराने के धुरी हैं।
7. मरकाम परिवार – आदिवासी राजनीति का मजबूत स्तंभ
मोहन मरकाम, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और आदिवासी समाज के बड़े नेता हैं। उनके परिवार की राजनीतिक पहचान और सामाजिक जुड़ाव दोनों मजबूत हैं।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ की राजनीति में पारिवारिक पहचान न केवल वोट बैंक को प्रभावित करती है, बल्कि स्थानीय और राज्यस्तरीय निर्णयों में भी बड़ी भूमिका निभाती है। समय के साथ नए चेहरों का उदय हो रहा है, लेकिन 'परिवार' अभी भी पहचान और प्रभाव की सबसे मजबूत इकाई बना हुआ है।
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