भारतमाला परियोजना की चूक: थनोद अंडरब्रिज की कम ऊंचाई बनी किसानों और कारीगरों की बड़ी समस्या: दुर्ग, छत्तीसगढ़ : भारतमाला परियोजना के तहत...
भारतमाला परियोजना की चूक: थनोद अंडरब्रिज की कम ऊंचाई बनी किसानों और कारीगरों की बड़ी समस्या:
दुर्ग, छत्तीसगढ़ : भारतमाला परियोजना के तहत दुर्ग जिले के थनोद गांव में बनाए गए अंडरब्रिज की ऊंचाई सिर्फ 4 मीटर रखी गई है, जो अब ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन चुकी है। थनोद और आसपास के दर्जनों गांवों के किसानों, कारीगरों और व्यापारियों को इससे भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों की मुख्य शिकायत है कि अंडरब्रिज से हार्वेस्टर, लोडेड ट्रक और अन्य बड़े वाहन नहीं गुजर पा रहे हैं। इससे ना सिर्फ फसल की कटाई और परिवहन प्रभावित हो रहा है, बल्कि मंडियों तक पहुंचने में भी दिक्कत हो रही है। मूर्तिकारों का कहना है कि 4 से 7 मीटर तक ऊंची प्रतिमाएं वे हर साल बनाते हैं, लेकिन अब उन्हें गांव से बाहर ले जाना नामुमकिन हो गया है।
“हम लोग 4 से 7 मीटर ऊंची मूर्तियां बनाते हैं। 4 मीटर की ऊंचाई वाले ब्रिज से कैसे निकालें? हमारा रोजगार खतरे में है,” — लव चक्रधारी, मूर्तिकार, थनोद गांव
स्थानीय निवासियों ने कई बार जनप्रतिनिधियों, कलेक्टर और एनएचएआई अधिकारियों से मिलकर समस्या बताई, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला। अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
“कई बार बात की, लेकिन नतीजा सिर्फ वादे हैं। समाधान नहीं मिला।” — प्रदीप शर्मा, स्थानीय निवासी
प्रशासन ने लिया संज्ञान, निरीक्षण के बाद कार्रवाई की उम्मीद:
इस मुद्दे पर ग्रामीणों की शिकायत के बाद कलेक्टर अभिजीत सिंह ने एनएचएआई के अधिकारियों के साथ स्थल का निरीक्षण कराया है। उन्होंने कहा कि यदि ऊंची गाड़ियों का आवागमन प्रभावित होता है तो अंडरब्रिज की ऊंचाई बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
2300 करोड़ की परियोजना में अनदेखी:
ग्रामीणों का कहना है कि इतनी बड़ी लागत की सड़क परियोजना में स्थानीय ज़रूरतों की अनदेखी प्रशासन की बड़ी चूक है। यदि समय रहते इस अंडरब्रिज की ऊंचाई नहीं बढ़ाई गई, तो इसका सीधा असर किसानों की आमदनी, खेती-बाड़ी और स्थानीय उद्योगों पर पड़ेगा।
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