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2024-25 में 2790 पैसेंजर ट्रेनें रद्द: मालगाड़ियों को प्राथमिकता, यात्री घंटों इंतजार को मजबूर

2024-25 में 2790 पैसेंजर ट्रेनें रद्द: मालगाड़ियों को प्राथमिकता, यात्री घंटों इंतजार को मजबूर रायपुर/बिलासपुर:  रेलवे ने माल ढुलाई से रिकॉर...


2024-25 में 2790 पैसेंजर ट्रेनें रद्द: मालगाड़ियों को प्राथमिकता, यात्री घंटों इंतजार को मजबूर

रायपुर/बिलासपुर: रेलवे ने माल ढुलाई से रिकॉर्ड कमाई करते हुए 2024-25 में अब तक 22,807 करोड़ रुपए अर्जित किए हैं, लेकिन इस मुनाफे की कीमत आम यात्रियों को चुकानी पड़ रही है। रायपुर और बिलासपुर जोन में मालगाड़ियों को प्राथमिकता देते हुए यात्री ट्रेनों को आउटर पर घंटों रोका जा रहा है। इससे हर दिन हजारों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।

बीते गुरुवार को बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर पटना-चर्लापल्ली एक्सप्रेस करीब 4 घंटे देरी से पहुंची। यात्रियों का कहना है कि ट्रेन आउटर पर खड़ी रही और कोई स्पष्ट सूचना भी नहीं दी गई। यह केवल एक उदाहरण नहीं है। रेलवे के आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024-25 में अब तक 2,790 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है, जिनमें अधिकांश मामलों में मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए ऐसा किया गया।

रेलवे अधिकारियों का तर्क है कि माल ढुलाई से देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है और यह राजस्व का एक बड़ा स्रोत है, लेकिन यात्री सुविधाओं की अनदेखी से आमजन में नाराजगी बढ़ रही है।

रेलयात्रियों का कहना है कि टिकट के पैसे वसूलने के बावजूद सुविधाएं लगातार घट रही हैं। आउटर पर घंटों इंतजार करना, शौचालयों की कमी, और सूचना तंत्र की विफलता से उनका धैर्य जवाब दे रहा है।


क्या कहती है रेलवे?

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रैफिक लोड अधिक होने के कारण कभी-कभी ट्रेनों को रोका जाता है, लेकिन प्रयास किया जा रहा है कि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।


निष्कर्ष:

जहां एक ओर रेलवे माल ढुलाई से अरबों की कमाई कर रही है, वहीं दूसरी ओर यात्रियों को सुविधाओं की भारी कमी झेलनी पड़ रही है। सवाल यह है कि क्या आम यात्रियों की प्राथमिकताएं अब रेलवे के एजेंडे से बाहर होती जा रही हैं?



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