छत्तीसगढ़ की चिरमिरी खदानों में महिलाओं का दमखम, चलाती हैं मशीनें, करती हैं ब्लास्टिंग: छत्तीसगढ़ : के मनेंद्रगढ़ जिले की चिरमिरी कोयला खदा...
छत्तीसगढ़ की चिरमिरी खदानों में महिलाओं का दमखम, चलाती हैं मशीनें, करती हैं ब्लास्टिंग:
छत्तीसगढ़ : के मनेंद्रगढ़ जिले की चिरमिरी कोयला खदानें आज नारी सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई हैं। यहां की महिलाएं पिछले 17 वर्षों से माइंस में कठिन परिस्थितियों में काम कर रही हैं। पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर वे न सिर्फ कोयला निकाल रही हैं, बल्कि साबल मशीन चलाने से लेकर ब्लास्टिंग तक की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।
कभी खदानों में पुरुषों का ही वर्चस्व था, लेकिन इन साहसी महिलाओं ने इस सोच को बदल दिया है। उन्होंने यह साबित किया है कि इच्छाशक्ति और मेहनत के बल पर किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। ये महिलाएं रोजाना गहरी खदानों में उतरकर कोयले की खुदाई करती हैं और मशीनों को बखूबी संचालित करती हैं।
खदानों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी:
बीते कुछ सालों में कोयला खदानों में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। पहले यह काम जोखिम भरा और शारीरिक रूप से कठिन माना जाता था, लेकिन इन बहादुर महिलाओं ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया। आज वे खदानों में काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं।
महिला सशक्तिकरण की नई कहानी:
इन महिलाओं की मेहनत और संघर्ष महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल है। उन्होंने अपने कार्य से समाज को यह संदेश दिया है कि कोई भी काम महिलाओं के लिए असंभव नहीं है। कोयला खदानों में उनकी उपस्थिति यह साबित करती है कि नारीशक्ति हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है।
महिला दिवस के मौके पर, चिरमिरी की ये साहसी महिलाएं देशभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनके हौसले और मेहनत को सलाम!
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