Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Ads

Girl in a jacket

CJ बोले – कलेक्टर का काम नदी में फावड़ा चलाना नहीं, अरपा की बदहाली पर जताई नाराजगी

  CJ बोले – कलेक्टर का काम नदी में फावड़ा चलाना नहीं, अरपा की बदहाली पर जताई नाराजगी: बिलासपुर :  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अरपा नदी के संरक्षण...

 CJ बोले – कलेक्टर का काम नदी में फावड़ा चलाना नहीं, अरपा की बदहाली पर जताई नाराजगी:

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अरपा नदी के संरक्षण और अवैध उत्खनन रोकने को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने सख्त रुख अपनाया। अदालत ने अरपा नदी की बदहाली पर नाराजगी जताते हुए प्रशासन को फटकार लगाई।

चीफ जस्टिस सिन्हा ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, "कलेक्टर का काम नदी में फावड़ा चलाना नहीं है। वे सफाई कर रहे हैं या सिर्फ फोटो खिंचवाकर दिखावा कर रहे हैं?" कोर्ट ने प्रशासन से पूछा कि अब तक नदी के संरक्षण के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं और क्यों स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा।


अरपा नदी की दुर्दशा पर हाईकोर्ट गंभीर:

सुनवाई के दौरान बेंच ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को जवाबदेह ठहराते हुए पूछा कि क्या अब तक नदी की सफाई और संरक्षण के लिए कोई प्रभावी योजना लागू की गई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सिर्फ औपचारिक सफाई अभियानों से समाधान नहीं होगा, बल्कि नदी को स्थायी रूप से बचाने के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी।


अवैध उत्खनन पर कड़ा रुख:

कोर्ट ने अरपा नदी में जारी अवैध रेत उत्खनन को लेकर भी प्रशासन से जवाब मांगा। अदालत ने पूछा कि जब बार-बार निर्देश दिए जा रहे हैं, तो अवैध उत्खनन पर पूरी तरह रोक क्यों नहीं लग पा रही? हाईकोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि जल्द प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


प्रशासन को देना होगा विस्तृत जवाब:

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से अरपा नदी के संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई में प्रशासन को यह स्पष्ट करना होगा कि अब तक किन योजनाओं पर काम हुआ है और आगे क्या रणनीति बनाई गई है।

अरपा नदी की बदहाल स्थिति पर हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। देखने वाली बात होगी कि सरकार और स्थानीय अधिकारी इसे लेकर कितनी गंभीरता दिखाते हैं और क्या वाकई ठोस कदम उठाए जाते हैं या फिर सबकुछ केवल कागजों तक ही सीमित रहेगा।


कोई टिप्पणी नहीं

Girl in a jacket