नाली निर्माण घोटाले में गई सरपंच की कुर्सी : पकड़ा गया 3.7 लाख का अतरिक्त भुगतान, अफसरों पर भी गिरी गाज

4thcolumn @ कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सख्ती बरत रहा है। कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने निर्देश दिए हैं कि कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी दौरान सोनहत विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कैलाशपुर में कार्य में लापरवाही व अनियमितता के मामले में दोषी पाए जाने पर ग्राम पंचायत की सरपंच रूपवती चेरवा को निलंबित कर दिया गया है।

नाली निर्माण में अनियमिता का है मामला 

सोनहत के अंतर्गत ग्राम कैलाशपुर में नाली निर्माण में बड़ा घोटाला किया गया है। इस घोटाले से जुडी खबर प्रकाशित होने पर जिला स्तरीय जांच गठित समिति की जांच प्रतिवेदन अनुसार नाली निर्माण में सरिये का प्रयोग नहीं किया गया था।निर्मित नाली गुणवक्ताहीन पाई गई और सामग्री मद से 2.56लाख रुपए का अतिरिक्त मूल्याकंन एवं सत्यापन व मजदूरी मद में 51 हजार रुपए अतिरिक्त भुगतान जैसे गंभीर आर्थिक अनियमितता व लापरवाही बरती गई थी। 

सीईओ डॉ.चतुर्वेदी ने कार्यवाही की दी जानकारी 

मामले की जानकारी देते हुए सीईओ डॉ.चतुर्वेदी ने बताया कि ग्राम पंचायत कैलाशपुर में महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत पक्की नाली निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया था। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया था। नाली निर्माण गुणवत्ताहीन होने की शिकायत पर जिला स्तरीय टीम से अविलंब जांच कराई गई,जांच में दोषी पाए गए ग्राम पंचायत सचिव रामप्रकाश साहू को तत्काल निलम्बित कर दिया गया है।तथा तकनीकी सहायक सुरेश कुर्रे को भी पद से पृथक करते हुए अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। साथ ही उक्त कार्य में घटिया निर्माण सामग्री प्रदाय करने वाले फर्म को काली सूची में दर्ज किया गया है।कार्य में घटिया निर्माण सामग्री प्रदाय करने वाले फर्म को काली सूची में दर्ज किया गया है। निर्माण एजेंसी के तौर पर सरपंच को भी अनियमितता का दोषी पाया है,जिसके बाद सरपंच को पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किया गया है। 
 
गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं

सीईओ डॉ.चतुर्वेदी ने कहा कि किसी भी योजना के क्रियान्वयन व निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। जांच में दोषी पाए जाने पर सम्बन्धितों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।सभी निर्माण एजेंसियों को प्रावधान के अनुसार ही निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
  

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