इंतजार खत्म! 16वें वित्त आयोग के गठन को मिली मंजूरी, जानिए क्या करता है यह कमीशन


16th Finance Commission: सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि सरकार ने 16वें वित्त आयोग (16th Finance Commission) के लिए जरूरी शर्तों को मंजूरी दे दी है। यह आयोग केंद्र और राज्यों के बीच कर (Tax) राजस्व के बंटवारे पर निर्णय करने से संबंधित है।

यह फैसला मंगलवार शाम (28 नवंबर 2023) केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया। ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने 16वें वित्त आयोग के लिए जरूरी शर्तों को मंजूरी दे दी है। 16वां वित्त आयोग अक्टूबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। सिफारिशें अप्रैल 2026 से पांच साल तक के लिए वैध रहेंगी।

क्या करता है वित्त आयोग?

संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित वित्त आयोग की मुख्य जिम्मेदारी केंद्र तथा राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना है। इसके अलावा उनके बीच टैक्स के बंटवारे की सिफारिश करना और राज्यों के बीच इन करों (टैक्स) के वितरण का निर्धारण करने वाले सिद्धांतों तय करना है।

27 नवंबर 2017 को हुआ था 15वें वित्त आयोग का गठन

बता दें कि 15वें वित्त आयोग का गठन 27 नवंबर, 2017 को किया गया था। इसने 1 अप्रैल 2020 से लेकर अब तक करीब 6 साल के दौरान अपनी अंतरिम और फाइनल रिपोर्ट्स के जरिए सिफारिशें कीं। बता दें कि 15वें फाइनेंस कमीशन द्वारा की गईं सिफारिशें 2025-26 तक वैध हैं।

बता दें कि आमतौर पर फाइनेंस कमीशन अपनी सिफारिशों के लिए दो साल का समय लेता है। संविधान के आर्टिकल 280 के क्लॉज (1) के अनुसार, वित्त आयोग का गठन हर पांचवें साल या पहले होना चाहिए। हालांकि, 15वें फाइनेंस कमीशन ने 31 मार्च 2026 तक यानी करीब 6 साल के लिए सिफारिशें जारी की हैं। अब 16वें फाइनेस कमीशन को बनाने का प्रस्ताव पास हुआ है।

16वें फाइनेंस कमीशन के एडवांस सेल को 21 नवंबर 2022 में वित्त मंत्रालय में गठित किया गया था।

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